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उत्तर : लड़के ने हिंडोल से अपना परिचय “मैं हूँ छोटा जादुगर” कहकर दिया था। (छ) बालक (छोटे जादुगर) को किसने बहुत ही शीघ्र चतुर बना दिया था ? उत्तर : बालक को आवश्यकता ने शीघ्र ही चतुर बना दिया था। (ज) श्रीमान कलकत्ते में किस अवसर पर की छुट्टी बिता रहे थे ? उत्तर : श्रीमान जी ने कलकत्ते में बड़े दिन के छुट्टी बिता रहे थे। (झ) सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समय छोटे जादूगर की वाणी में स्वभाव सुलभ प्रसन्नता की तरी क्यों नहीं थी ? उत्तर : क्योंकि उस दिन उसके माँ ने जल्दी ही लौटने को कहा था। (ञ) मृत्यु से ठीक पहले छोटे जादूगर की माँ के मुँह से कौन सा अधुरा शब्द निकला था ? उत्तर : मृत्यु के ठीक आगे उसके माँ के मुँह से “बे… जैसे अधुरा शब्द निकला था। प्रश्न 3. अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग २५ शब्दों में): (क) बाबू जयशंकर प्रसाद की बहुमुखी प्रतिभा का परिचय किन क्षेत्रों में मिलता है ? उत्तर : “बाबू जयशंकर प्रसाद” आधुनिक हिन्दी साहित्य के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है। जिन्होंने 1918 से 1938 तक हिन्दी साहित्य को अपने बहुमुखी प्रतिभा के द्वारा स्वर्वोच्च स्थान तक पहुँचा दिया । कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास, निबंध और आलोचना सभी में आपके अमर लेखनी के द्वारा बहुमुखी प्रतिभा का परिचय मिलता है। (ख) श्रीमान ने छोटे जादूकर को पहली भेंट के दौरान किस रूप में देखा था ? उत्तर : एक छोटे फुहारे के पास ‘छोटे जादूगर’ वाले चुपचाप खड़ा था कुछ शरबत पीने वाले लोगों को देखकर उसके गले में फटे कुरते के ऊपर एक मोटी सी सूत की रस्सी पड़ी थी। और जेब में कुछ ताश के पत्ते थे। (ग) “वहाँ जाकर क्या कीजिएगा ?” छोटे जादूगर ने ऐसा कब कहा था ? उत्तर : जब श्रीमान ने लड़के को ‘परदे तक ले जाने के लिए चलने को कहा तब वह अचरज से कहा वहाँ जाकर क्या किजीएगा । (घ) निशानेबाज के रूप में छोटे जादूगर की कार्य कुशलता का वर्णन करो। उत्तर : निशानेबाज के रूप में लड़केने जो कार्यकुशलता का निशान लगाया था। वहाँ उसका कोई गेंद खाली नहीं गया। ऐसे ही वह बारह खिलौने बटोर लिया। इसके बाद वह अचानक हिन्दोंल तक गया इसप्रकार दिखाया कि वह पक्का निशानेबाज है। (ङ) कलकत्ते के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान श्रीमती को छोटा जादूगर किस रूप में मिला था ? उत्तर : कलकत्ते के बोटानिकल उद्यान में छोटा जादूगर हाथ में चारखाने की खादी का झोला। साफ जाँधिया और आँधी बाहों का कुर्ता, इसी वेश से मस्तानी साल से झूमता हुआ आ रहा था। (च) कलकत्ते मे बोटानिकल उद्यान में श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को ‘लड़के!’ कहकर संबोधित किया, तो उत्तर में उसने क्या कहा ? उत्तर : कलकत्ते के बोटानिकल उद्यान में जब श्रीमान जीने छोटा जादूगर को लड़के कहा था तब उसने उत्तर दिया था कि- “छोटा जादूगर कहिए। यही मेरा नाम है । इसीसे मेरी जिविका है । (छ) “आज तुम्हारा खेल जमा क्यों नहीं ?” इस प्रश्न के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या कहा ? उत्तर : श्रीमान जी ने जब पूछा कि-“आज तुम्हारा खेल जमा क्यों नहीं। छोटा, जादूगर ने इस प्रश्न के उत्तर में कहा कि- “माँ ने आज तुरंत चले आने को कहा। उसकी घड़ी का समीप है । 4. संक्षिप्त उतर दो (लगभग ५० शब्दों ) (क) प्रसाद जी की कहानियों की विशेषताओं का उल्लेख करो। उत्तर : प्रसाद जी प्रधानतः द्यायावादी धारा के प्रतिनिधित्व करने वाले थे। जिसने आधूनिक हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाया था। आपकी कहानियों का विशेषता है कि भारतीय सभ्यता संस्कृति, धर्म दर्शन भक्ति आध्यात्म आदिपर रुची रखते है। इसके साथ आपने यांत्रिकता, बुद्धिवादिता, भौतिकता की अतिरेकता से उत्पन्न आधूनिक जीवन की विविध मूलभूत समस्याओं के चिह्नित करना विशेष विशेषता है। (ख) “क्यों जी, तुमने इसमें क्या देखा ?” इस प्रश्न का उत्तर छोटे जादूगर ने किस प्रकार दिया था ? उत्तर : जिस समय कार्निवाल के मैदान में विजली की जगमगा रही थी। उस समय वहाँ छोटा जादूगर ने एक कोने में खड़े रहते समग्र श्रीमानजी जब पूछा तब उत्तर दिया कि मैने सब देखा। यहाँ चूड़ी फेंकते है। खिलौने पर निशाना लगाते है। तीर से नम्बर छेदते है। मूझे तो खिलौने पर निशाना लगाना अच्छा मालूम हुआ। जादूगर तो विलकुल निकम्मा है। उससे अच्छा तो ताश का खेल मै दिखा सकता हूँ।” (ग) अपने माँ-बाप से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या क्या कहा था ? उत्तर : अपने माँ बाप के संबंधित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादुगर ने कहा कि ―बाबुजी जेल में है और इस बात को बड़े गर्व से कहा कि देश के लिए ही जेल में गया। माँ बीमारी है। यह भी कहा कि माँजी के बीमारी के कारण वह जेल में नही गया। क्योंकि कुछ लोगों को तमाशा दिखाकर माँ के लिए दवादारु के प्रबंध करना है । (घ) श्रीमान ने तेरह-चौदह वर्ष के छोटे जादूगर को किसलिए आश्चर्य से देखा था ? उत्तर : बीमारी माँ को छोड़कर तमाशा देखने आनेका बात पूछते ही श्रीमान को लड़का ने कहा कि- तमाशा देखने नही, दिखाने निकला हूँ। कुछ पैसे ले जाऊँगा। तो माँ के पथ्य दूगाँ। मुझे शरबत न पिलाकर आपने मेरे खेल देखकर मुझे कुछ दे दिया तो मुझे अधिक प्रसन्नता होती। ऐसी बाते सुनकर श्रीमान विलकुल आश्चर्य चकित हो गये । (ङ) श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने किस प्रकार अपना खेल दिखाया? उत्तर : वह कार्निवल के मैद